
संत शिरोमणी श्री सेनजी महाराज जिनकी आज 25 अप्रैल 2025 को 725 वी जन्म जयंती है जिन्होंने धर्मरूप जीवन, त्याग, तपस्या, बलिदान, कर्तव्य पराणयता और अपने श्रेष्ठ कार्य कर्म को सबसे उपर रखा। उनका दिया संदेश कर्तव्य पराणयता और सच्ची निष्ठा किसी भी आत्मा को दुख नहीं पहुंचे सभी मिलजूलकर सकारात्मक सोच के साथ रहे ऐसी शिरोमणी संत की आध्यात्मिक सोच का कोई पार नहीं। मध्य युग के समकालिन संतों की मंडली के आदर्श पुरुष जिन्होंने अपनी अनंत भक्ति से ईश्वरी उपाधि पाई और ईश्वर चोली हम जैसा पहले अनेको अनेक जन्म ले चुके हैं पर संत श्री सेन जी महाराज के भक्ति भाव और उनके एक मानव मात्र के प्रति आदर प्रेम प्रतीक जीवन चरित्र को पढ़िए उनके पद का गहराई से चिंतन मनन करें तो पाएंगे क्योंकि धर्म जीवन मंगल है सेन जी महाराज का जीवन भक्ति मुक्ति का मार्ग है विश्व कल्याणकारी अमल यह संचार जन्म मंगल करण उन्होंने धर्म अहिंसा संयम सत्य तपस्या और कृतियां परायणता में मुक्ति का मार्ग है जन सेवा के साथ सामाजिक कार्य भी करते उनके मूल फलों का पालन किया सेन जी महाराज की अनेक कथाओं में एक प्रचलित कथा जो युगों युगों तक ईश्वरी शक्ति के साथ याद की जाती है सेन जी महाराज ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति में इतने लीन थे कि एक बार सेन जी महाराज राजा का शोय कार्य करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक मंदिर पर भजन भाव चल रहे थे सेन जी महाराज ईश्वर भक्ति भाव करने लगे और ईश्वर का ध्यान करते-करते ही भूल गए कि राजा का शोय कार्य करने जाना है इतने में भगवान अपने भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर भक्त सेन जी महाराज का रूप धारण कर राजा का शोय कार्य करने खुद गए जब राजा को कोड की बीमारी थी उसे दिन भगवान सेन जी महाराज के रूप में जैसे ही राजा को छुआ तो राजा समझ गया कि आज सेन जी के हाथों का अलग ही हाथ लग रहा है इतने में भगवान ने खुद सेन ( नाई)के स्वरूप में राजा का शोय कार्य किया व राजा ने प्रसन्न होकर सेन जी को इनाम में एक मोहर दी तो सेन जी ने मना कर दिया लेकिन राजा ने प्रसन्न हो कर एक मोहर दी जी और भगवान सेन के रूप में अपने को गंतव्य की ओर चले गए वहीं दूसरी ओर सेन जी को याद आया कि मुझे राजा का शोय कार्य करने जाना है तुरंत वहां से गए तो राजा के द्वार पर गए तो द्वारपालों ने कहा कि कल आए थे तो फिर आज क्यों आये तो संत श्री सेन जी कहा की में नहीं आ पाया था इतने में द्वारपालों ने राजा के पास सीएनजी को ले गए जब सेन जी महाराज ने राजा को देखते ही समझ गए कि मेरे ईश्वर ने मेरा कार्य कर दिया इस तरह सेन जी महाराज का जीवन भक्ति में ईश्वर के प्रति इतना लीन था कि स्वयं भगवान ने सेन जी महाराज का रूप धारण कर सेन जी महाराज का कार्य कर आए सेन जी महाराज की भक्ति में शक्ति थी उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान ने उनका कार्य किया उनके आदर्श व सिद्धांतों को जीवन में अंगीकार करे आओ आप हम और समाज सब मिलकर संकल्प ले कि सेन जयंती पर्व 2025 को एक आदर्श समाज की स्थापना के लिये सब सामाजिक समरसता, एकता की भावना व मिलजूलकर एक नये समाज की स्थापना करें। समस्त देश वासियों को संत शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म जयंती पर हार्दिक बधाई शुभकामनाएं।