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नेत्रदान प्रति जागरूकता फारबिसगंज में देखी जा रही है। बीते जुलाई माह में ही नेत्रदानी किशनलालजी भंसाली के पारिवारिक सदस्यों ने मरणोपरांत उनका नेत्रदान करवाया वही उसी परिवार से विमला देवी भंसाली का आज मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ। तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज ओर कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग में चिकित्सक डॉक्टर अभिनव गुप्ता डॉक्टर मोहमद फैजल ओर डॉक्टर मोहमद इमरान की तत्परता से नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। लाइब्रेरी रोड निवासी स्वर्गीय मूलचंद जी भंसाली की पत्नी स्व. बिमला देवी भंसाली का देहावसान सुबह पौने दस बजे हुआ। देहावसान की जानकारी मिलने के बाद तेरापंथी सभा उपाध्यक्ष मुकेश राखेचा ने पारिवारिक सदस्यों से नेत्रदान के लिए पहल की ओर सहमति मिलते ही तुरंत तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज के अध्यक्ष आशीष गोलछा को नेत्रदान सहमति की जानकारी करवाई। तत्काल कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम से संपर्क स्थापित किया गया और के एम सी एच की टीम ने तत्परता दिखाते हुए दो बजे फारबिसगंज पहुंचकर नेत्रदान की प्रक्रिया अपनाते हुए मृतका का कॉर्निया कलेक्ट किया। स्वर्गीय बिमला देवी भंसाली के देहांत पश्चात उनके तीनों पुत्र महेंद्र भंसाली, मनोज भंसाली एवं नरेंद्र भंसाली ने नेत्रदान की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने बताया की उनके माताजी बहुत ही धार्मिक प्रवृति की थी और पिछले साल ही मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प पत्र भी भरा था। परिवार के सदस्यों ने नेत्रदान के लिए तेरापंथ युवक परिषद ओर डॉक्टर की टीम को बहुत साधुवाद दिया। सेवा, संस्कार ओर संगठन इन तीन आयामों को लेकर काम कर रही तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज के अध्यक्ष आशीष गोलछा ने कहा परिषद रक्तदान ओर नेत्रदान जैसे मानव सेवा कार्य हमेशा तत्परता के साथ करती आ रही है और इससे समाज में काफी हद तक जागरूकता भी आ गई है। मरणोपरांत होने वाला यह कार्य से जहां कोई मारने के बाद भी किसी के नेत्रों में जीवित रहती है रवही पारिवारिक जनों को भी संतोष की अनुभूति होती है। ऐसे कार्य समाज को मानव सेवा प्रति प्रेरित करते है नेत्रदान सह संयोजक पंकज नाहटा ने मानव सेवा को सर्व धर्म से ऊपर बताते हुए हम जीवन में रक्तदान ओर मरणोपरांत नेत्रदान कर किसी के जीवन रक्षक बन सकते है। इसी माह 17 सितंबर को होने वाले वार्षिक बृहद रक्तदान शिविर की जानकारी भी दी। इस नेक कार्य के लिए वहां मौजूद सुमन डागा, सुरेंद्र डागा, ओमप्रकाश देदानी, मुकेश राखेचा ,राज कुमार लढ़ा,आज़ाद सत्रु अग्रवाल आदि ने पारिवारिक सदस्यों को इस दुखद घड़ी में मानव सेवा प्रति समर्पित नेत्रदान जैसे कार्य के लिए अनेक साधुवाद ज्ञापित किया। तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज ओर दधिचि देहदान समिति के प्रयास से यह शहर का 21वा नेत्रदान हुआ है।