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सिंगोली। हिंदू धर्म मे गुरु को ईश्वर का दर्जा दिया गया है । इसीलिए प्रतिवर्ष आषाढ़ी पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है । इस दिन भक्त अपने गुरु का विधि विधान से पूजन अर्चन करते है । गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत पावन पर्व माना गया है। यह दिन गुरु और शिष्य के रिश्ते की पवित्रता और उसके महत्व का प्रतीक माना जाता है। यह केवल पारंपरिक गुरु-शिष्य संबंध तक सीमित नहीं है, बल्कि आज के समय में माता-पिता, अध्यापक, आध्यात्मिक गुरु, और वे सभी लोग जो जीवन को दिशा देने में सहायक होते हैं, उन्हें भी इस दिन विशेष सम्मान दिया जाता है। इसी कड़ी में सिंगोली तहसील के ग्राम कंवरजी की खेड़ी में आगामी 10 जुलाई को समस्त ग्रामवासियों के विशेष अनुरोध पर महान पंडित राजेश राजोरा जी का एक दिवसीय आयोजन गुरुपूर्णिमा महोत्सव पर्व को भव्यरूप से मनाने के लिये तैयारियां जोर शोर से होने लगी है । बतादे की यज्ञाचार्य व परम् पूज्य गुरुदेव पंडित राजेश राजोरा जी के क्षेत्र ही नही बल्कि नीमच जिले में असंख्य शिष्यों के गुरुदेव होकर उन्हें निरंतर अपना शुभ आशीर्वाद प्रदान करते है । "हमारा पावन संकल्प हर घर रुद्राक्ष, घर घर रुद्राक्ष- पंडित राजेश जी राजोरा" महान कथा वाचक पंडित राजेश राजोरा जी ने इस गुरु पूर्णिमा के दिवस पर विशेष अर्थात व्यक्ति के जीवन मे परिवर्तन लाने के पवित्र अवसर पर पावन संकल्प के साथ अपने अनुयायी शिष्यों को गुरु कृपा या आशीर्वाद स्वरूप उन्हें दिव्य रुद्राक्ष प्रदान करेंगे। बतादे की भारत देश के हर हिंदू सनातनी के घर मे गुरु की कृपा , रुद्राक्ष का सरक्षण , आत्मा की दिशा सब एक साथ हर घर रुद्राक्ष घर- घर रुद्राक्ष की परिकल्पना के साथ यह कार्यक्रम होगा। पंडित राजेश जी राजोरा ने बताया कि वैदिक विधियों , मंत्रोच्चारण से विधिवत पूजन करने के बाद ही यह दिव्य रूद्राक्ष भक्तों को प्राप्त होगा । जो कि यह जीवन मे सुख शांति, सुरक्षा एवं आध्यात्मिक रक्षा शक्ति का कवच बनेगा। गुरुपूर्णिमा महोत्सव समस्त ग्रामवासियो के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। गुरु पूर्णिमा महोत्सव आयोजन के अध्यक्ष रतिराम धाकड़ व लाभ चन्द्र धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 जुलाई को प्रातः 8 बजे से 10 बजे तक हवन व 10 बजे से 11 बजे तक सकीर्तन एवं 11 बजे से 12 बजे तक गुरुदेव के प्रवचन व रुद्राक्ष वितरण के बाद प्रसादी वितरण का कार्यक्रम रहेगा।